उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बने नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान यानी लखनऊ चिड़िया घर को शिफ्ट करने की तैयारी जोरों पर चल रही है। जानकारी के मुताबिक, लखनऊ चिड़िया घर को कुकरैल क्षेत्र में शिफ्ट किया जाएगा। यहां 150 एकड़ में चिड़िया घर और 350 एकड़ में नाइट सफारी बनाई जाएगी। बीते महीने योगी कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। फिलहाल केंद्रीय चिड़िया घर को इसको लेकर प्रस्ताव भेजा गया है।वहीं, इस संबंध में नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के निदेशक विष्णु कांत मिश्र ने बताया कि यूपी सरकार के शासनादेश के अनुसार लखनऊ चिड़िया घर को कुकरैल फॉरेस्ट के अंतर्गत स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। उसमें लगभग डेढ़ सौ एकड़ में चिड़िया घर बनेगा। वहीं, लगभग साढ़े तीन सौ एकड़ में नाइट सफारी बनाने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि जब कुकरैल में चिड़िया घर बनकर तैयार हो जाएगा तब लखनऊ जू के जानवरों को उस नए चिड़िया घर में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

नरही क्षेत्र में स्थित चिड़िया घर को कुकरैल क्षेत्र में शिफ्ट करने की मुख्य वजह ध्वनि प्रदूषण को माना जा रहा है, क्योंकि शहर के बीचोंबीच में बने लखनऊ जू के आसपास गाड़ियों का आवागमन बहुत ज्यादा होता है। इसको लेकर लखनऊ चिड़िया घर के निदेशक विष्णु कांत मिश्र बताते हैं कि जैसे जंगलों का माहौल पॉल्यूशन फ्री और शांतिपूर्ण होता है, ध्वनि प्रदूषण जैसे गाड़ियों का प्रदूषण नहीं होता है, वैसा ही वातारण देने के लिए कुकरैल में चिड़िया घर शिफ्ट किया जा रहा है। इसको लेकर प्रस्ताव केंद्र सरकार को केंद्रीय चिड़िया घर को भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही काम चालू हो जाएगा।राजधानी लखनऊ में स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान (लखनऊ चिड़ियाघर) प्रदेश का सबसे पुराना चिड़ियाघर है। 1921 में स्थापित हुआ यह चिड़ियाघर 29 हेक्टेयर में फैला हुआ है। जानकारी के मुताबिक, यहां 100 से अधिक प्रजातियों के 1000 से अधिक जानवर और पशु-पक्षी हैं। वहीं , बताया जा रहा है कि लखनऊ जू के सांप घर में सात प्रजातियों के लगभग 40 सांप हैं। बड़ी बात यह है कि इनमें दुनिया के दो सबसे विषैले प्रजाति के सांप शामिल हैं।