Up Electricity: आने वाले दिनों मे शायद उत्तर प्रदेश में घरेलू बिजली उपभोक्ता का तगड़ा झटका लग मिल सकता है, अगर सूबे की योगी सरकार मिले प्रस्ताव का अनुमोदन कर लेती है तो। दरअसल, उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के विद्युत वितरण निगम ने इस साल बिजली (Electricity) दरों में 15.85 फीसदी की वृद्धि करने का का प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव में 100 यूनिट तक 30 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। अगर सरकार की ओर से यह प्रस्ताव पास होता है तो घरेलू कनेक्शन उभोक्ताओं को तगड़ा झटका मिला सकता है।
Up Electricity:दरों में बढ़ोतरी से पहले होता सुनवाई का प्रवाधान
हालांकि 30 फीसदी वृद्धि के प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं का पक्ष जानने के लिए लखनऊ (lucknow) में एक सुनवाई की बैठक होनी है, जो कि आने वाली 21 अप्रैल को होनी है। यह सुनवाई मध्यांचल और ट्रांसमिशन की नियामक आयोग सभागार में होगी। लेकिन 100 यूनिट पर 30 फीसदी की बढ़ोतरी के निगम के प्रस्ताव का व्यापक तौर पर विरोध सुनवाई होने से पहले शुरू हो गया है। बता दें कि राज्य में विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दर में इजाफा करने से पहले सुनवाई का प्रवाधान है।
इससे प्रवाधान के तहत बीते 10 अप्रैल को वाराणसी में बिजली दरों की बढ़ोतरी को लेकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की सुनवाई हो चुकी है। और अब 21 अप्रैल को लखनऊ में मध्यांचल की सुनवाई होनी है। बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ साथ (uttar pradesh) राजधानी लखनऊ में भी इसके विरोध के सुर तेज हो गए हैं और इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई हैं। यह विरोध इस वहज से भी हो रहा है कि बिजली कंपनियां पर उपभोक्ताओं का 25,133 करोड़ रुपये बकाया है। इस बकाए राशि को उपभोक्ताओं के बिल में समायोजित करने की मांग की जा रही है।
ये हैं प्रस्तावित वृद्धि
जानकारी के मुताबिक, घरेलू उपभोक्ता पर 18.59 फीसदी, प्राइवेट व सरकारी संस्थान पर 17.62 फीसदी, अस्थाई कनेक्शन पर 18.90 फीसदी, भारी उद्योग पर 16.25 प्रतिशत, लिफ्ट इरिगेशन पर 16.26 प्रतिशत और वाणिज्यिक पर 11.55 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। वहीं, 100 यूनिट पर 30 फीसदी बिजली दरों में बढ़ोतरी के विद्युत वितरण निगम के दिये गए प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कड़ा विरोध जताया है।
उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण निगम का यह प्रस्ताव सरासर गलत है। इन कंपनियां ने जल्दी बाजी में बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है, जबकि इस पूरे प्रस्ताव में उपभोक्ता की पहले से जमा राशि पर कहीं बात नहीं की गई है, बल्कि नई स्तर पर बिजली दरों में वृद्धि की बात हुई है, जिसको किसी भी कीमत में स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों को यह नहीं दिख रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू विद्युत उपभोक्ता 100 यूनिट बिजली (Electricity) खर्च करने पर, उन्हें 3.35 रुपया प्रति यूनिट चुकाना पड़ता था। इसे अब बढ़ाकर 4.35 रुपये कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी 30 फीसदी है। बिजली कंपनियों को इस पर विचार करना चाहिए।