Lata Mangeshkar: स्वरकोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की आज पहली पुण्यतिथि है. 6 फरवरी,2022 को आज ही के दिन उनका निधन हो गया था. 92 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. बता दें कि अपने आठ दशक से ज्यादा के करियर में उन्होंने 36 भाषाओं में तकरीबन 50,000 से ज्यादा गाने गाए थे. उन्होंने सिनेमा के हर दौर को अपनी आवाज से सराबोर किया और एक से बढ़कर गाने कई एक्ट्रेसेस के लिए गाए लेकिन उनके करियर में एक भयानक दौर भी आया था जिसका जिक्र लता मगेशकर ने खुद एक इंटरव्यू में किया था. दरअसल, लता दीदी जब 33 साल की थीं तो उन्हें किसी ने जहर देकर जान से मारने की कोशिश की थी.

Lata Mangeshkar: तीन महीने बिस्तर से नहीं उठ पाईं थी
जी हां, 1963 में लता को धीमा जहर दिया गया था. उन्होंने इस दर्दनाक किस्से को याद करते हुए कहा था, मैं बेड से उठ भी नहीं पाती थी और ये सिलसिला तकरीबन तीन महीने तक चला, हालत ये थी कि मैं अपने आपसे चल फिर तक नहीं पाती थी. हमारा परिवार इस बारे में बात नहीं करना चाहता क्योंकि ये मेरी जिंदगी के सबसे दर्दनाक पल थे. लता जी ने ये भी खुलासा किया था कि उन्हें धीमा जहर मारने की कोशिश किसने की थी, उन्हें इस बात का मालूम चल गया था लेकिन बिना किसी पुख्ता सबूत के वो पुलिस में कम्प्लेन नहीं कर सकती थीं इसलिए कभी उस शख्स का नाम सामने नहीं आया.
नहीं हुआ आवाज पर असर
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि जहर दिए जाने की वजह से लता की आवाज तक चली गई थी लेकिन खुद लता जी ने इस बात का खंडन किया था और कहा था कि उनकी आवाज जहर की वजह से कभी नहीं गई, ये केवल अफवाहें थीं. उन्होंने ठीक होने के बाद हेमंत कुमार का गाना कहीं दीप जल कहीं दिल गाया था. वह खुद लता जी की मां से इजाजत लेकर लता को रिकॉर्डिंग स्टूडियो ले गए थे कि अगर उनकी बेटी को रिकॉर्डिंग में कोई भी दिक्कत आई तो वो उन्हें तुरंत घर ले आएंगे लेकिन रिकॉर्डिंग ठीक से हो गई और इसके बाद लता ने उस हादसे के बाद दोबारा गाना शुरू कर दिया था.