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The Kerala Story: 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज, फिल्म को लेकर कही यह बात

The Kerala Story: ‘द केरल स्टोरी’ पर बैन लगाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज, फिल्म को लेकर कही यह बात

The Kerala Story: हाल ही में कुछ समय पहले सुदीप्तो सेन की फिल्म द केरल स्टोरी का रोंगटे खड़े कर देने वाला ट्रेलर रिलीज हुआ है। इस फिल्म में 32 हजार लड़कियों की कहानी दिखाई गई है जिनको लव जिहाद (“Love jihad”) के चंगुल में फंसाने के बाद उनका धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बना दिया गया। इस फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन हैं। जब से फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है, तब से इसपर विवाद चल रहा है। सत्तासीन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट-कांग्रेस इसपर रोक लगाने की मांग की थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है।

The Kerala Story: सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया

फिल्म द केरल स्टोरी पर प्रतिबंध लगाने की याचिका का सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के समक्ष उल्लेख किया गया, जिसमें कहा गया है कि यह नफरत फैलाने को बढ़ावा देती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ ने कहा कि फिल्म की रिलीज को चुनौती देना उचित उपाय नहीं है। द केरल स्टोरी को लेकर विवाद गहराता ही जा रहा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और कांग्रेस (congress) नेता शशि थरूर ने भी ‘द केरल स्टोरी’ पर ऐतराज जताया है। शशि थरुर ने बीते दिन ट्वीट कर कहा कि केरल में 32000 महिलाओं ने इस्लाम कबूला, इस दावे को सच साबित करने वाले सबूत जमा करें और एक करोड़ रुपये ले जाएं। अब मुस्लिम लीग की केरल यूश कमेटी ने घोषणा की है, जिसमें कहा गया है कि फिल्म में किए गए दावों के पीछे सबूत देने के लिए 4 मई को हर जिले में संग्रह केन्द्र खोले जाएंगे। इसमें कोई भी विवरण डाल सकता है।

वहीं केरल के सीएम (CM) ने इसपर कहा है कि फिल्म जानबूझकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के उद्देश्य से बनाई गई है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, हिंदी फिल्म द केरल स्टोरी का ट्रेलर पिछले दिनों जारी किया था, जो कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के उद्देश्य से और केरल के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से जानबूझकर बनाई गई है। ट्रेलर से यह संकेत मिलता है कि यह फिल्म संघ परिवार के प्रचार को फैलाने की कोशिश कर रही है। जिसने खुद को धर्मनिरपेक्षता की भूमि केरल में धार्मिक अतिवाद के केंद्र के रूप में स्थापित किया है। बता दें कि इस फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने 10 कट के साथ ‘ए’ सर्टिफिकेट दे दिया है। बोर्ड की जांच कमेटी ने फिल्म देखने के बाद मेकर्स से इसमें 10 बदलाव करने को कहा था। साथ ही, फिल्म में आंकड़ों के दस्तावेजी प्रमाण भी प्रस्तुत करने को कहा गया था। इस फिल्म के कई डायलॉग और सीन पर सेंसर बोर्ड की कैंची चली है। द केरल स्टोरी 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

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