Welcome: अपने देश में हाथ जोड़कर झुककर मेहमानों का अभिवादन किया जाता है, लेकिन दुनिया में कई जगह ऐसी भी है जहाँ मेहमानों के अभिवादन के तरीके भी अलग अलग हैं. दुनिया में हर देश की अपनी एक अलग संस्कृति और विचार होते हैं. हर जगह के लोगों के अपने तौर-तरीके होते हैं. घर आए मेहमानों का सम्मान भी सब अपने अपने तौर तरीकों से करते हैं. हमारे देश में जब कोई मेहमान आता है तो हम उसे हाथ जोड़कर ‘नमस्ते’ कहते हैं. कहीं-कहीं झुककर प्रणाम करने की परंपरा भी है. कहीं हाथ मिलाकर हेलो बोला जाता है. लेकिन, दुनिया में बहुत सी जगह ऐसी भी हैं जहां पर मेहमानों के अभिवादन करने का तरीका आपके लिए अटपटा हो सकता है. जी हां, दुनिया में ऐसी जगहें भी हैं, जहां जीभ दिखाकर और सूंघ कर मेहमानों का स्वागत (difrent welcome) और सम्मान करने की परंपरा है. आइए आज इस खास और दिलचस्प परंपरा के बारे में हम आपको बताते है.

तिब्बत: अनोखा स्वागत और सम्मान
अगर आप कभी तिब्बत में जाएं और कोई जीभ निकालकर (difrent welcome) आपको दिखाता है तो ये मत समझना कि आपको चिढ़ाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. क्योंकि, यहां जीभ दिखाकर स्वागत और सम्मान करने की अनोखी परंपरा है. यहां स्वागत करने की यह परम्परा सदियों से चली आ रही है. इतिहास से जुड़ी है ये परंपरा दरअसल, 9वीं सदी में तिब्बत पर एक क्रूर राजा लंगडरमा का राज था और उसकी जीभ काली थी. तब तिब्बती लोग किसी भी मिलने वाले को जीभ निकालकर बताते हैं कि उस राजा से उनका कोई संबंध नहीं है. तिब्बत में यह परंपरा आज भी ऐसे ही चली आ रही है.

Special Welcome: तवालु: सूंघकर होता है स्वागत
ये खूबसूरत देश समुद्र के किनारे बसा है. इस खूबसूरत देश में मेहमानों के आवभगत (welcome) का एक काफी अनोखा तरीका है जिसे सोगी कहा जाता है. यहां किसी मेहमान के चेहरे को दबाकर गहरी सांस लेकर उसकी खुशबू को महसूस करने की अनोखी परम्परा है

दुनिया: अभिवादन के अलग-अलग तरीके
दुनियाभर में लोगों का स्वागत, सम्मान और अभिवादन (welcome) करने के तरीके भी अलग-अलग हैं. जहां अपने देश में हाथ जोड़कर झुकते हुए अभिवादन किया जाता है. वहीं पाकिस्तान में भी सिर झुकाकर आदाब कहा जाता है.तो वही ग्रीनलैंड देश में मेहमानों की नाक से नाक रगड़कर उनका स्वागत किया जाता है. फ्रांस और यूक्रेन में लोगों के गाल पर किस करके सम्मान और स्वागत करने का रिवाज है. हालांकि, दुनियाभर में हाथ मिलाकर सम्मान और स्वागत करने का चलन सबसे अधिक है. वैश्विक समारोहों में भी ज्यादातर हाथ मिलाकर ही स्वागत किया जाता है.