रायबरेली : 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस पर जिला पुरुष चिकित्सालय में बृहस्पतिवार को संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अंशुमान सिंह ने बताया कि एड्स से जानकारी ही इससे बचाव है | लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है | इस साल इस दिवस की थीम है इक्वेलाइज यानि समाज में फैली असमानताओं को दूर कर एड्स को खत्म करने पर जोर देना है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध बनाने, संक्रमित रक्त चढ़ाने और संक्रमित व्यक्ति के सुई का साझा प्रयोग करने तथा संक्रमित मां से गर्भ में पल रहे बच्चे को हो सकता है इसलिए इसके लिए सावधान रहें। जिला पुरुष चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महेंद्र मौर्य ने कहा कि एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) एचआईवी की एक अवस्था है | इसके लिए हमारे जिला महिला अस्पताल में आईसीटीसी सेंटर पर जांच की जाती है और एचआईवी की पुष्टि होने पर एआरटी सेंटर पर मरीज को रिफेर कर दिया जाता है जहां मरीज को दवा निशुल्क दी जाती है और काउंसलिंग भी की जाती है | इसके साथ ही एचआईवी की निःशुल्क जांच और काउंसलिंग की सुविधा जिला महिला अस्पताल, सीएचसी लालगंज और सीएचसी बछरावां में भी उपलब्ध है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनुपम सिंह ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 28,495 व्यक्तियों की जांच की गई जिनमें 75 व्यक्ति संक्रमित पाए गए जिनको एआरटी सेंटर पर लिंक करवा कर परामर्श व उपचार किया जा रहा है। संगोष्ठी का संचालन करते हुए जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयास के परिणाम दिखने लगे हैं जिसका असर यह है कि एचआईवी पॉजिटिव केसों की संख्या निरंतर कम हो रही है। इसके अलावा लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया |

इस कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम समन्वयक अभय मिश्रा जिला पब्लिक प्राइवेट समन्वय मनीष श्रीवास्तव, जिला टीवी एचआईवी समन्वय अतुल कुमार, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक के के श्रीवास्तव, आईटीसी व ए आर टी सेंटर टीसीआई से तमन्ना आफरीन गीता श्रीवास्तव अहाना विहान एनजीओ के स्टाफ उपस्थित रहे।