Supreme Court: समलैंगिक विवाह का मामला सुप्रीम (Supreme Court) कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है. केंद्र सरकार ने SC से राज्यों व UT को पक्षकार बनाने की मांग की है. केंद्र ने कहा है कि अदालत कोई फैसला करने से पहले केद्र को राज्यों के साथ परामर्श की प्रक्रिया को पूरा करने का समय दे. हालांकि कोर्ट ने कहा कि फिलहाल सेम सेक्स मैरिज पर केंद्र का अनुरोध नामंजूर किया गया है.
सेम सेक्स मैरिज मामले में संविधान पीठ दूसरे दिन की सुनवाई कर रही है. केंद्र सरकार ने राज्यों की भागीदारी की बात रखी. SG तुषार मेहता ने कहा कि राज्यों से परामर्श शुरू किया है. राज्यों को भी पार्टी बनाकर नोटिस किया जाए. ये अच्छा है कि राज्यों को भी मामले की जानकारी है. याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये पत्र कल लिखा गया है, लेकिन अदालत ने पांच महीने पहले नोटिस जारी किया था. ये गैरजरूरी है.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मामले की सुनवाई जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बहस जारी रखने को कहा है. केंद्र ने मांग की थी कि राज्यों को पक्षकार बनाया जाए या केंद्र के राज्यों के परामर्श प्रक्रिया पूरी करने तक सुनवाई ना हो. याचिकाकर्ता की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट में जहां भी पति या पत्नी का जिक्र है, उसे जीवनसाथी से बदला जाए. जहां भी पुरुष या महिला का उल्लेख किया गया है, उसे लिंग तटस्थ बनाते हुए ‘व्यक्ति’ के तौर पर बदला जाए.