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Railway Land Encroachment: 50 हजार लोगों के बेघर होने का खतरा,सियासत हुई तेज,जानिए क्या है ये……

Railway Land Encroachment: 50 हजार लोगों के बेघर होने का खतरा,सियासत हुई तेज,जानिए क्या है ये……

उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक फैले बनभूलपुरा के करीब 50 हजार लोगों को इस कड़ाके की ठंड में बेघर होने का खतरा सता रहा है। हाईकोर्ट (HC) के आदेश के बाद रेलवे ने इन सभी को नोटिस सात दिन में जगह खाली करने का नोटिस दिया है। मामले में सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होगी। जानिए क्या है यह पूरा विवाद।

उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे जमीन से अतिक्रमण (haldwani railway encroachment news) हटाने के विवाद पर सियासी पारा हाई हो गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत मामले को लेकर हल्दानी में उपवास पर बैठे हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की कल सुनवाई होनी है। इस विवाद से हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास बनभूलपुरा के करीब 50 हजार लोगों के बेघर होने का खतरा है। इसमें अधिसंख्य आबादी मुस्लिम है। कड़ाके की ठंड में आशियना टूटने की आशंका के बीच ये लोग अपने तरीके से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं-बच्चे सड़कों पर बैठी हैं। जिसे कुछ लोग शाहीन बाग जैसे विरोध-प्रदर्शन से जोड़ते हुए आलोचना कर रहे हैं। वहीं अतिक्रमण (haldwani railway land) की जद में आने वाले लोगों के पक्ष में भी कई लोग खड़े हैं। कांग्रेस के अलावा एआईएमआईएम, बसपा, सपा सहित अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।


डीएम ने कहा- सुप्रीम कोर्ट जैसा आदेश देगा वैसी होगी कार्रवाई

इधर बुधवार को नैनीताल के डीएम धीरज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि यहां पर जितने भी लोग हैं वे रेलवे (haldwani railway encroachment news) की भूमि पर हैं। इनको हटाया (haldwani railway land) जाना है, इसके लिए हमारी तैयारी पूरी चल रही है। हमने फोर्स की मांग की है। आने वाले कुछ समय में हम उन्हें हटाएंगे। ये उच्च न्यायालय का आदेश है उसका पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। जहां पांच जनवरी को सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट जैसा आदेश देगी वैसी कार्रवाई होगी।

Railway Land Encroachment: DIG बोले- उच्च न्यायालय के आदेश पर हट रहा अतिक्रमण

बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे (Railway) भूमि के अतिक्रमण पर कुमाऊं रेंज के डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश पर तमाम संगठन और लोगों से वार्ता की गई। हमने पूरे एरिया को जोन, सुपर जोन और सेक्टर में बांट दिया है। हम सभी जोन का गंभीरता से आकलन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कितने घर किस सेक्टर जोन में आ रहे हैं और किस तरह से उनको हटाया जाएगा इसका भी आकलन किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय से फोर्स की डिमांड भी की गई है।

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