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Power Crisis: यूपी के कई जिलों में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से बिजली-पानी को तरसे लोग, जानिए किन-किन जिलों में चल रही हड़ताल

Power Crisis: यूपी के कई जिलों में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से बिजली-पानी को तरसे लोग, जानिए किन-किन जिलों में चल रही हड़ताल

Power Crisis: उत्तर प्रदेश में बिजली अधिकारियों की हड़ताल के बाद राज्य के कई शहरों और गांवों में बिजली-पानी का संकट गहरा गया है. सरकार भले ही राहत देने की बात कर रही हो लेकिन हकीकत ये है कि परेशान लोग सड़क पर तक उतर आए हैं. यूपी में करीब 1 लाख बिजली कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर हैं. इस आंदोलन में जो खास बात है वो ये है कि रेगुलर बिजली कर्मियों के साथ, संविदाकर्मी और आउटसोर्सिंग पर रखे गए विद्युत कर्मी भी आंदोलन को धार दे रहे हैं. सरकार की सख्ती के बावजूद भी कर्मचारी अपनी मांगों से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं. तो आइए जानते हैं कि बिजली कर्मियों की हड़ताल के बाद यूपी के प्रमुख शहरों की क्या स्थिति है-

Power Crisis: इन जिलों में दिख रहा है असर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का बनारसी साड़ी का मुख्य व्यवसाय भी इससे अछूता नहीं है. वाराणसी के चौक क्षेत्र में साड़ी व्यवसाय की सबसे पुरानी मंडी कुंज गली में आज चौथा दिन है जब बिजली कटी हुई है.वही विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से आम जनता को अब दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते जनपद पीलीभीत में बीते 17 मार्च और 18 मार्च को जो भी फीडर खराब हुआ बो खराब ही है, उस फीडर से जुड़े गांव और मोहल्लों में अंधेरा छाया हुआ है.खराब फीडर को बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा सही नहीं किया जा रहा है जिसके चलते अभी तक गांव में और अब शहर में भी बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप पड़ी है. विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल का असर सबसे अधिक शहर में दिखाई दे रहा है. इटावा शहर के पुरबिया टोला मोहल्ले वासियों का सब्र का बांध आखिर टूट गया. रात से गई हुई बिजली पूरे दिन नहीं आई तो देर रात महिलाएं पुरुष सभी लोगों ने सड़क जाम कर धरने पर बैठ गए और विद्युत आपूर्ति के लिए गुहार लगाने लगे. विद्युत कर्मचारियों की 72 घंटे के हड़ताल के चलते बिजनौर के कई क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था ठप हो गई है एक तरफ हड़ताल और दूसरी और रात में हुई बारिश के बाद बिजली व्यवस्था लगभग ठप हो गई है. उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं और लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर जहां कई जिलों में नजर आने लगा है.

Power Crisis: गाजियाबाद में भी बिजली कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 72 घण्टे का धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. नारेबाजी धरनारत कर्मचारियों द्वारा की जा रही हैं. बिजली विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण चंदौली जनपद की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है. मुख्यालय को छोड़कर चकिया, शाहबगंज, मुगलसराय, सैयदराजा, बबुरी सहित तमाम क्षेत्रों के ग्रामीण अंचलों में विद्युत विभाग के कर्मचारियों का हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. मुरादाबाद में भी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने भी प्रदर्शनकारियों को लगातार सचेत किया है. यहां तक कि कुछ कर्मचारियों पर सरकार द्वारा बर्खास्तगी की कार्यवाही भी हो चुकी है. रायबरेली में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है, रायबरेली के 3000 गांवों में करीब 1000 गांव ऐसे हैं जहां पर बिजली गुल है. प्रयागराज में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है,शहर के कई इलाकों में बिजली ने होने से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. कई जगहों पर लोगों ने चक्का जाम कर अपना विरोध जाता रहे है.कानपुर में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है,कानपुर में सैकड़ों संविदा कर्मी हड़ताल के बावजूद ड्यूटी पर तैनात हैं इस वजह से जो हड़ताली कर्मचारी हैं संविदा कर्मियों को फोन करके धमकी दे रहे हैं. कानपुर संविदा कर्मी एसोसिएशन के महामंत्री इन्हें अपने कर्मचारी को मिली धमकी को लेकर केस्को एमडी से शिकायत की है.

फतेहपुर जिले में विभाग में कार्यरत 19 संविदा कर्मियों की सेवाएं जिला प्रशासन के निर्देश पर समाप्त कर दी गई हैं. वही कुछ और संविदा कर्मियों की नौकरी पर प्रशासन की तलवार लटक रही है. गाज़ीपुर में जिला प्रशासन ने हड़ताली विद्युत कर्मियों पर सख्त एक्शन लिया है, आउटसोर्सिंग के 37 कर्मियों को बर्खास्त किए जाने का प्रस्ताव हुआ है जबकि 12 पर एफआईआर हुई है और गाज़ीपुर में बिजली समस्या को देखते हुए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है और डीएम-एसपी इसे विभागीय अधिकारियों की मदद से खुद मॉनिटर कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में करीब 48 घण्टे से अधिक समय से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल से शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था लड़खड़ा गई है.आजमगढ़ विद्युत कर्मियों की चल रही 72 घंटे की हड़ताल का नजारा यह है कि सरकार द्वारा लाख वार्निंग और कार्रवाई करने के बावजूद भी विद्युत कर्मी अपनी मांगों को लेकर कायम है इस इस हड़ताल का असर जिले की बिजली व्यवस्था पर इतना पढ़ा है कि सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त नजर आ रही है

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