Politics News: इन दिनों बिहार से लेकर दिल्ली (Delhi) तक राजनीतिक गलियारों में बढ़ी हुई धड़कनों की गूंज आसानी से सुनाई पड़ जाएगी। जगह जगह बैठकों का दौर है। 23 तारीख पर हर किसी की नजर है, जब विपक्ष की बड़ी बैठक होने जा रही है। बिहार की जमीन से विपक्षी दल (Opposition Party) एकता की नींव रखने जा रहे हैं, पर इसके पहले शुरुआत दिल्ली से आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने कर दी है। 2024 में लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election) से पहले कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) भी होने बाकी हैं और ऐसे में आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा दांव चल दिया है।
पटना की बैठक से पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की तरफ दोस्ती वाला हाथ बढ़ाया है, पर इसके लिए कुछ शर्त भी रख दी गई है। आम आदमी पार्टी ने ऑफर दिया है कि अगर कांग्रेस कह दे कि वो दिल्ली और पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेगी तो उनकी पार्टी भी राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेगी। आप नेता और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है, दिल्ली के 2015 और 2020 के चुनाव में कांग्रेस की जीरो सीट थी। कांग्रेस कह दे कि वो दिल्ली और पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेगी तो हम भी कह देते हैं कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेंगे।
Politics News: दिल्ली और पंजाब से AAP ने कांग्रेस की सत्ता उखाड़ी
आम आदमी पार्टी को शायद ये लगने लगा है कि अगर उसे दिल्ली और पंजाब की सत्ता में बने रहना है तो उसे कांग्रेस से हाथ मिलाना ही पड़ेगा। ध्यान देने वाली बात ये है कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के हाथों से ही पंजाब को छीना है, जबकि दिल्ली विधानसभा के भीतर से कांग्रेस का खात्मा करने वाली आम आदमी पार्टी ही है। आम आदमी पार्टी के आने से पंजाब और दिल्ली दोनों जगह कांग्रेस सिमट चुकी है। वैसे ये भी बताता जरूरी है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी शुरुआत में सत्ता के लिए कांग्रेस से हाथ मिला भी चुकी है। ये बात अलग है कि कुछ ही दिन बाद ये गठजोड़ टूट गया था।
इस बात को भी समझ लेना जरूरी है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के भीतर मौजूदा समय में कांग्रेस का संगठन मजबूत नहीं है। राजस्थान में कांग्रेस भले सत्ता में है, पर इस बार के चुनाव में उसके सामने चुनौती पहाड़ जैसी है। पहले से ही कांग्रेस अपने अंदर की कलह से लड़ रही है और दूसरी बात ये कि राजस्थान की जनता दोबारा एक ही सरकार को मौका देती नहीं है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति ज्यादा बेहतर तो नहीं कही जा सकती है। बात आम आदमी पार्टी की भी कर लें तो दोनों राज्यों में अभी तक आम आदमी पार्टी का कोई असर दिखाई पड़ा नहीं है।