Peshawar Blast: पाकिस्तान में पेशावर की एक मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले को लेकर खैबर पख्तूनख्वा पुलिस को बड़ी जानकारी हाथ लगी है. पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने गुरुवार को कहा कि पुलिस आत्मघाती हमले के पीछे के आतंकी नेटवर्क का पता लगाने के बेहद करीब पहुंच गई है. उन्होंने जानकारी दी कि आत्मघाती हमलावर पुलिस की वर्दी में मस्जिद में घुसा था जिस कारण उस पर किसी को शक नहीं हुआ.
अधिकारी ने इस बात की भी पुष्टि की कि पुलिस को विस्फोट स्थल से एक कटा हुआ सिर मिला है और वो हमलावर का है. अंसारी ने कहा कि पुलिस लाइन के एंट्री गेट पर पुलिसकर्मियों ने हमलावर की जांच नहीं की क्योंकि वो पुलिस की वर्दी में था जिससे उन्हें लगा कि वो उनका ही आदमी है. उन्होंने बताया, ‘दोपहर 12:37 बजे हमलावर ने मोटरसाइकिल से मेन एंट्री गेट में प्रवेश किया, अंदर आया, एक कांस्टेबल से बात की और उससे पूछा कि मस्जिद कहां है. इसका मतलब है कि हमलावर को इलाके के बारे में पता नहीं था. उसे बस एक लक्ष्य दिया गया था, उसके पीछे एक पूरा नेटवर्क है, वो अकेला नहीं था.’

उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमलावर की मोटरसाइकिल का भी पता लगा लिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अंसारी ने खुलासा किया कि विस्फोट में 10-12 किलोग्राम टाइनाइट्रोटोलुइन, जो कि एक खतरनाक विस्फोटक होता है, का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने कहा कि मस्जिद 50 साल पुरानी थी जिसमें खंभे नहीं थे. इसलिए जब विस्फोट हुआ तो मस्जिद की दीवार और छत गिर गई. लोग कई घंटों तक मलबे में फंसे रहे. अगर पुलिस तेजी दिखाती तो कईयों की जान को बचाया जा सकता था.
Peshawar Blast: हर एक की मौत का हिसाब लिया जायेगा
पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी ने कहा कि हर मौत का हिसाब लिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘मैं और मेरी पुलिस टीम दोनों इस समय बहुत दुःख में हैं. लोगों को लगता है कि हम वर्दी पहनने वाले मजबूत लोग हैं, लेकिन हम भी इंसान हैं, हमारे भी बच्चे और परिवार हैं… हम सभी दुःख में हैं.’ अंसारी ने कहा कि पुलिसकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और हर शहीद का बदला लिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘हम लोगों के लिए लड़ते हैं और हम अपने लिए भी लड़ेंगे.’
गौरतलब है कि 30 जनवरी को पेशावर के पुलिस लाइन (police line) इलाके की एक मस्जिद में शक्तिशाली धमाका हुआ जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई. हमलावर दोपहर की नमाज के वक्त मस्जिद में घुसा और उसने खुद को उड़ा लिया. धमाके के दौरान मस्जिद में 300-400 लोग मौजूद थे. मरने वालों और घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी शामिल हैं जो मस्जिद में नमाज के वक्त जमा हुए थे. हमले में मस्जिद की एक दीवार गिर गई जिसमें दबने से भी कई लोग मारे गए. पाकिस्तान के आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन बाद में उसने खुद को इससे अलग कर लिया था.