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Pariksha Pe Charcha: परीक्षा का तनाव सताए तो क्या करें उपाय? पीएम मोदी ने बच्चों को दिया सफलता का मंत्र

Pariksha Pe Charcha: परीक्षा का तनाव सताए तो क्या करें उपाय? पीएम मोदी ने बच्चों को दिया सफलता का मंत्र

Pariksha Pe Charcha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान छात्रों से गैजेट के इस्तेमाल के बारे में भी बातचीत की। पीएम मोदी (pm narendra modi) ने कहा कि भारत में लोग औसतन 6 घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं। यही चिंता की बात है। जब ईश्वर ने हमें एक स्वतंत्र अस्तित्व और असीम क्षमता वाला व्यक्तित्व दिया है तो गैजेट के गुलाम क्यों बनें?

प्रधानमंत्री ने कहा कि ताकत पर विश्वास करो, भगवान ने तुम्हें दिया है। अपनी खुद की स्मार्टनेस पर विश्वास करें, गैजेट्स की स्मार्टनेस पर नहीं। आप जितने ज्यादा स्मार्ट होंगे, आप गैजेट्स का उतना ही सही इस्तेमाल कर पाएंगे। इनका बुद्धिमानी से उपयोग करें।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबसे पहले तो आपको यह निर्णय करना है कि आप स्मार्ट हैं या गैजेट स्मार्ट हैं… कभी-कभी आप खुद से ज्यादा स्मार्ट… अपने गैजेट को मान लेते हैं और गलती वहीं से शुरू होती है।

आप जितना स्मार्टली गैजेट का इस्तेमाल करेंगे उतने ही अच्छे परिणाम मिलेंगे। पीएम मोदी (pm modi pariksha pe charcha) ने कहा कि एक बार जब आप तकनीक के इस तरह के दुरुपयोग के चंगुल से खुद को बाहर निकाल लेंगे, तो आप आनंदित महसूस करेंगे। जिस क्षण आप आनंद महसूस करते हैं, आप सच्ची स्वतंत्रता प्राप्त कर लेंगे।उन्होंने छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि साथियों के साथ खुद की तुलना और प्रतिस्पर्धा करने की लगातार भावना में न तो अपनी आंतरिक शांति को नष्ट करें और न ही अपनी परीक्षा को अपना जीवन मानें। इनसे परे भी एक जीवन है। जितना अधिक आप सकारात्मक और मुक्त महसूस करेंगे, आप जीवन में उतना ही बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

Pariksha Pe Charcha: पीएम मोदी ने छात्रों से नई भाषाएं सीखने की अपील की

प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं से नई भाषाओं को सीखने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि नई भाषाएं सीखना हमारे लिए न केवल नए शब्दों और वाक्यों को सीखने और जानने का द्वार खोलता है, बल्कि प्राचीन विरासत, इतिहास, संस्कृति और इनसे जुड़ी सदियों पुरानी सभ्यताओं के बारे में भी जानने का द्वार खोलता है। प्रधानमंत्री मोदी (pm narendra modi) ने कहा कि हमारा देश, जिसे दुनिया ‘औसत’ कहती थी, अब विश्व स्तर पर चमक रहा है, इसलिए कभी भी अपनी क्षमता को कम मत आंकिए। समय बदलता है, हर किसी में कोई न कोई असाधारण हुनर होता है; बात यह है कि आपको उन्हें पहचानने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों और अभिभावकों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हर मां-बाप अपने बच्चों का सही मूल्यांकन करें और बच्चों के भीतर हीन भावना को ना आने दें। साथ ही उन्होंने बच्चों से कहा कि जब एक बार आप इस सत्य को स्वीकार कर लेते हैं की मेरी एक क्षमता है और मुझे अब इसके अनुकूल चीजों को करना है… आप जिस दिन अपने सामर्थ्य को जान जाते हैं, उस दिन बहुत बड़े सामर्थ्यवान बन जाते हैं।

पीएम मोदी ने टोका-टोकी करने से किया मना

प्रधानमंत्री ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों (pm modi pariksha pe charcha) से कहा कि आदतन आलोचना करने वालों पर ध्यान मत दीजिए… हमें अपना फोकस कभी छोड़ना नहीं चाहिए। मां-बाप से भी मेरा आग्रह है कि टोका-टोकी के जरिए आप अपने बच्चों को ‘मोल्ड’ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि ‘आलोचना’ और ‘दोष’ के बीच एक गहरी और मोटी रेखा है। आलोचनाएं हमें बेहतर बनाती हैं और दोष एक ऐसी चीज़ है जिस पर हमें जीवन में ध्यान भी नहीं देना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम दिन-रात हम कॉम्पिटिशन के भाव में जीते हैं… हम अपने लिए जियें… अपने में जियें… अपनों से सीखते हुए जियें। सीखना सबसे चाहिए लेकिन अपने भीतर के सामर्थ्य पर भी बल देना चाहिए। एक एग्जाम के कारण जीवन एक स्टेशन पर रुकता नहीं है।

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