Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) अपने सारे कार्यक्रमों को रद्द कर घटनास्थल पर पहुंचे। प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी बालासोर ट्रेन हादसे की जगह पहुंचे हैं, उनके साथ मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी हैं। प्रधानमंत्री हादसे का जायजा लेंगे और पीड़ितों से मुलाकात करेंगे। इससे पहले उन्होंने सुबह आपाताकालीन बैठक बुलाई थी। बता दे की ट्रेन हादसे वाली जगह का जायजा लेकर पीएम मोदी (pm modi) बालासोर से रवाना हुए. हादसे की जगह का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी कटक जाएंगे। जहां वे घायलों से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी के साथ मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान मौजूद हैं। इससे पहले हादसे वाली जगह पर सीएम ममता बनर्जी भी पहुंची थी। जहां उनकी मुलाकात केंद्रीय रेल मंत्री से हुई थी।
इस बीच ममता ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि यगह समय राजनीति का नहीं, बल्कि स्थिति को सामान्य बनाने का है। वहीं, पीएम मोदी ने राहत एवं बचाव कार्य में लोग लोगों से भी मिले हैं। फिलहाल स्थिति को सामान्य बनाने के लिए रूट डाइवर्जन का कार्य जारी है। उधर, पीएम मोदी बालासोर हादसे को ध्यान में रखत हुए अपने सभी पूर्व निर्धारित बैठकों को निरस्त कर दिया है। वे फिलहाल बालासोर में हैं। जहां वे हादसे वाली जगह का निरीक्षण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री राहत एवं बचाव कार्य में लगे लोगों की हौसला आफजाई कर रहे हैं। हादसे वाली जगह पर लोगों के लिए चलना भी दुभर हो रहा है।
Odisha Train Accident: हादसे का निरीक्षण कनरे के बाद पीएम मोदी अधिकारियों से मिलेंगे
वहीं, रेलवे द्वारा जारी किए गए शुरुआती रिपोर्ट में हादसे की मुख्य वजह तकनीकी खामी बताई जा रही है। हादसे का निरीक्षण कनरे के बाद पीएम मोदी अधिकारियों से मिलेंगे और स्थिति से अवगत होंगे। रेलवे की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में हादसे की मुख्य वजह सिग्नल का फेल होना बताया जा रहा है। बहरहाल, रेलवे की ओर से जांच का आदेश दे दिए गए हैं। जांच संपन्न होने के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निकट भविष्य में इस तरह के दुर्भाग्यपूर्ण रेल दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो सकें। ध्यान दें कि यह हादसा ऐसे वक्त हुआ है, जब पीएम मोदी लगातार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन कर रहे हैं, लेकिन अब जिस तरह से सामान्य ट्रेन हादसे का शिकार हुई है, उसे लेकर बहुत मुमकिन है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व विपक्षी की ओर से सरकार पर सवाल दागा जाएगा।
ऐसे में सरकार के लिए यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वो ऐसे कदम उठाए जिससे कि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो सकें। बताया जा रहा है कि अभी बोगियों में कई शव फंसे हुए हो सकते हैं, जिन्हें निकालने की कवायद जारी है। अब सरकार के समक्ष यह सवाल है कि आखिर कैसे इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए। यह अपने आप में बड़ा सवाल है। बता दें कि 1998 के बाद यह यह सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना बताई जा रही है।