New Parliament Inauguration: आज का दिन देश के लिए बेहद खास है. पीएम मोदी ने नई संसद भवन का उद्घाटन करके आज का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया है.देश को आज उसकी नई संसद मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया. इससे पहले पूरे विधि विधान के साथ लोकसभा में सेंगोल स्थापित किया गया. पीएम मोदी ने साष्टांग दडवंत प्रणाम करते हुए सेंगोल लिया और नए संसद भवन में स्थापित किया. इसके बाद प्रार्थना सभा का आयोजन भी किया गया जिसमें सर्वधर्म सम्भाव का पाठ हुआ. इसमें 11 धर्मों के संत पाठ करते नजर आए. पहले पीएम मोदी ने विधि विधान के साथ सेंगोल की स्थापना की फिर नए संसद भवन का उद्घाटन किया.ब्रिटिश हुकुमत से अलग नए भारत की नई पहचान बनने के साथ साथ आजाद भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम पहलू बनके नया संसद भवन सामने आ रहा है. पुराने संसद भवन परिसर में नई संसद बनाने का लक्ष्य बहुत विशाल था. 100 साल पूरे कर चुकी संसद की मजबूती को लकर सवाल भी उठे लगे थे. इस इमारत को लेकर नरसिंहा राव सरकार के समय से आवाज उठती रही थी और मनमोहन सिंह के काल में लोकस्भा स्पीकर मीरा कुमार ने भी नई इमारत बनाने का शगूफा छोड़ा था.
लेकिन हिम्मत जुटाई पीएम मोदी ने.पीएम नरेंद्र मोदी जानते थे कि ये लक्ष्य आसान नहीं है. पुरानी बिल्डिंग को बिना नुकसान पहुंचाए नई आधुनिक इमारत कैसे बने, इस पर ही पूरा जोर दिया गया. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा गया कि आजाद भारत के 75 वें साल में न सिर्फ आबादी कई गुना ज्यादा हो चुकी है, बल्कि संसद के सदस्यों की संख्या अगर बढ़ानी पड़ी तो नई बिल्डिंग उसके काम आ जाए. मंत्रियों के लिए कमरे तो बने ही हुए थे लेकिन नई इमारत में सांसदों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. जो उन्हें भी खुश कर जाएगी.संसद की नई इमारत की खात बात ये कि इसके निर्माण में देश भर से लाई गई कई निर्माण सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लोकतंत्र के इस मंदिर के निर्माण में पूरे भारत का योगदान है. इसलिए एक भारत श्रेष्ठ भारत की सही तस्वीर बनेगा. हम आपको बताते हैं कि देश के किस कोने से इस इमारत में क्या लगाया गया है. इसमें लगी टीक की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से आई है तो लाल और सफेद पत्थर सरमथुरा, राजस्थान से से लाई गयी है.
New Parliament Inauguration: उत्तर प्र्देश के मिर्जापुर से लाए गए कालीन
त्रिपुरा के अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग की गई है. स्टोनजली का काम राजस्थान के राजनगर और यूपी के नोएडा से लाकर इस्तेमाल किया गया है.ऐतिहासिक अशोक स्तंभ को औरंगाबाद, महाराष्ट्र और जयपुर से लाकर नई संसद में लगाया गया है. जबकि अशोक चक्र इंदौर से लाया गया है. संसद की नई इमारत में लगे फर्नीचर का एक बड़ा हिस्सा मुंबई से बन कर आया है. लाखा, जैसलमेर से लाखा लाल पत्थर, अंबाजी राजस्थान से सफेद संगमरमर और उदयपुर से केसरिया हरा पत्थर लाकर नई बिल्डिंग में इस्तेमाल हुआ है. नक्काशी किए गए पत्थर को उदयपुर और आबू रोड से मंगवाया गया, तो बालू चरखी दादरी, हरियाणा और राख से बने पत्थर दिल्ली- एनसीआर से लाए गए. ब्रास की बनी वस्तुएं और सजावट के कई सामान अहमदाबाद से मंगवाए गए. खास बात ये कि लोकसभा और राज्यसभा में जो फाल्स सीलिंग लगी है, उसके लिए स्टील के बने ढांचे दमन और दीव से आए.नया संसद भवन कुल 64,500 वर्ग मीटर एरिया में बना है.
यह इमारत 4 मंजिला होगी. नए संसद भवन को बनाने में कुल 971 करोड़ रुपये का खर्च आया. नए संसद भवन में आने-जाने के 6 रास्ते होंगे. एक एंट्रेंस पीएम और प्रेसीडेंट के लिए होगा. एक लोकसभा के स्पीकर, एक राज्य सभा के चेयरमैन, सांसदों के प्रवेश के लिए 1 एंट्रेंस और 2 पब्लिक एंट्रेंस होगा. लोकसभा चेंबर में एक साथ 1224 सदस्य बैठ सकेंगे. लोकसभा चेंबर 3015 वर्ग मीटर एरिया में बना होगा. इसमें पुरानी लोकसभा की 543 सीट से कहीं ज्यादा 888 सीटें होंगी. संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा चेंबर में 1224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे. राज्यसभा में एक साथ 384 सांसद बैठ सकेंगे. राज्यसभा कुल 3,220 वर्ग मीटर एरिया में बनेगा. इसमें 245 की जगह 384 सीटें होंगी. नए संसद भवन का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।वहीं, विपक्ष ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि देश में लोकतंत्र नहीं है। विपक्ष की मौजूदगी के बिना नए संसद भवन का उद्घाटन संपन्न नहीं हो सकता।राजद ने नए संसद भवन की ताबूत के साथ तस्वीर ट्वीट की, जिससे विवाद पैदा हो गया है। भाजपा ने कहा कि 2024 में जनता राजद को इसी ताबूत में गाड़ देगी। सेंगोल को सबसे पहले अंग्रेजों द्वारा सत्ता हस्तातंरण के प्रतीक के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था। नए भवन के इस उद्घाटन मौके पर संसद के दोनों ही सदनों के सदस्यों के साथ ही देश की प्रमुख हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया है।राजद के नए संसद भवन की तुलना राजद से करने पर असदुद्दीन ओवैसी भी भाजपा के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं। AIMIM प्रमुख ने नागपुर में कहा कि राजद का कोई स्टैंड ही नहीं है। ताबूत क्यों कह रहे हैं वे, कोई और मिसाल भी दे सकते थे। इसमें भी कोई एंगल लाते हैं। कभी सेक्युलर बोलते हैं तो कभी भाजपा से निकले हुए नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री बना लेते हैं।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी को न्योता दिया था, लेकिन विपक्ष को कुछ भी अच्छा करो तो वह बुरा लगता है। जो लोग ताबूत के साथ तुलना (नए संसद भवन की) कर रहे हैं, उन्हें जनता जवाब देगी।
शिंदे ने यह टिप्पणी एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के उस बयान पर कही थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि तीन दिन पहले हमें व्हाट्सएप पर निमंत्रण भेजा गया था।केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हमने पुराने संसद भवन में भी काम किया और अब नए संसद भवन में भी काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को देश में जो भी अच्छा होता है, वह पसंद नहीं आता। संसद लोकतंत्र का मंदिर है। दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन पर अविनाशी मठ के कामची दासर स्वामी ने कहा कि पीएम मोदी के पास सभी सद्गुण हैं। देखें वीडियो…राजद द्वारा किए गए ट्वीट पर बिहार के भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जनता 2024 (लोकसभा चुनाव) और 2025 (बिहार विधानसभा चुनाव) में उसी ताबूत में बंद करके राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को समाप्त कर देगी।पीएम मोदी ने भव्य उद्घाटन समारोह में नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित सर्व-धर्म प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने वाले जैन संत आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन है।
राजदंड (सेंगोल) को उचित स्थान मिला है। आज सभी धर्मों की प्रार्थना हुई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, जो इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी महिला हैं, को अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन नहीं करने दिया जा रहा है। उन्हें 2023 में नए संसद भवन के उद्घाटन की इजाज़त नहीं दी गई। एक आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री, जिसे संसदीय प्रक्रियाओं से नफरत है, जो संसद में कम ही उपस्थित रहता है या कार्यवाहियों में भाग लेता है, 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहा है। रमेश ने एक ट्वीट और किया, जिसमें उन्होंने 28 मई के दिन हुई घटनाओं का जिक्र कर भाजपा पर निशाना साधा।राजद की नए संसद भवन की तुलना ताबूत से करने पर भाजपा भड़क गई है। भाजपा नेता दुष्यंत गौतम ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि लालू यादव की पार्टी ने संसद भवन की तुलना ताबूत से की है। आज वो उसकी तुलना एक ताबूत से कर रहे हैं, क्या वो पुरानी संसद की तुलना जीरो से कर रहे थे? हम पहले शून्य में बैठे थे।राजद के ट्वीट पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि आज भले ही सभी दलों के लोगों ने भवन बहिष्कार किया हो, लेकिन कल सदन की कार्यवाही तो वहीं चलने वाली है। क्या राष्ट्रीय जनता दल ने यह तय कर लिया है कि वे नए संसद भवन का स्थायी रूप से बहिष्कार करेंगे? क्या वे लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे? ताबूत का चित्र दिखाना इससे ज़्यादा अपमानजनक कुछ नहीं है।एनसीपी नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि बिना विपक्ष की उपस्थिति के नए संसद भवन का उद्घाटन संपन्न नहीं हो सकता।
इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र नहीं है। ये एक अधूरा कार्यक्रम है। तीन दिन पहले हमें व्हाट्सएप पर निमंत्रण भेजा गया। वे फोन पर विपक्ष के नेताओं से संपर्क कर सकते थे… पुराने संसद भवन से हमारी यादें जुड़ी हुई हैं। हम सभी पुराने संसद भवन से प्यार करते हैं, वह भारत की आज़ादी का वास्तविक इतिहास है। लेकिन अब हमें नए संसद भवन में जाना होगा। हिमालय बौद्ध सांस्कृतिक संघ के अध्यक्ष लामा चोस्फेल जोतपा ने कहा कि नए संसद भवन का आज उद्घाटन किया गया है। मैंने बौद्ध रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-अर्चना की। सभी को एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना चाहिए और राजनीति को अलग रखना चाहिए। नए संसद भवन के साथ ताबूत की तस्वीर ट्विटर पर शेयर करने से राजद विवादों में आ गई है। भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि राजद पर देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या राजद संसद का बहिष्कार करेगी? नीतीश कुमार का बहिष्कार भी गैर-जिम्मेदराना है। वहीं, भाजपा ने कहा कि राजद को जनता लोकतंत्र के मंदिर में आने का मौका नहीं देगी। वह इसी ताबूत में राजद को गाड़ देगी।पीएम मोदी ने आज भव्य उद्घाटन समारोह में राष्ट्र को नया संसद भवन समर्पित किया। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधा है। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हमारी राजनीतिक संस्कृति और इसकी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर सर्व-धर्म प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने वाले यहूदी रब्बी एजेकील इसहाक मालेकर ने कहा कि आज हमने विविधता में एकता का संदेश दिया है।
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