लखीमपुर खीरी : 20 दिनों से लगातार सुर्खियों में चले आ रहे पत्रकार उत्पीड़न के मामले में गोला कोतवाल धर्म प्रकाश शुक्ला ने अपनी गलती स्वीकारते हुए एपजा चीफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सारथी की उपस्थिति में ऑन कैमरा पीड़ित पत्रकार कौशल शर्मा से माफी मांगी। दरअसल 13 नवंबर 2022 को पत्रकार कौशल शर्मा ने बाइक चोरी की एक खबर अखबार में प्रकाशित करवाई थी जिस पर पुलिस प्रशासन के एक्शन में आने के बाद बाइक व चोर बरामद भी हुआ था पत्रकार कौशल शर्मा का आरोप है कि पुलिस ने मोटी रकम लेकर चोर पर बिना कार्रवाई किए मामले को रफा दफा कर दिया। वही खबर छपने से तिलमिलाकर गोला कोतवाल धर्म प्रकाश शुक्ला ने पत्रकार कौशल शर्मा को अपने चेंबर में बुलाकर अभद्र गालियां दी थी। जिसको लेकर 14 नवंबर में पीड़ित पत्रकार ने क्षेत्राधिकारी गोला को प्रार्थना पत्र के साथ साक्ष्य ऑडियो क्लिप देकर अपनी आपबीती सुनाई थी।

27/11 को अनुराग सारथी ने पत्रकार आंदोलन का किया था ऐलान
जिला प्रशासन द्वारा लगभग 15 दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई न कर मामले को दबाने का प्रयास देखते हुए पत्रकारों में आक्रोश बढ़ता गया जिसको लेकर 27 नवंबर को ऑल इंडिया प्रेस जर्नलिस्ट एसोसिएशन चीफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सारथी की अध्यक्षता में एक बैठक गोला नगर पालिका की सभागार में संपन्न हुई, जिसमें अनुराग सारथी ने एडिशनल एसपी से तत्काल बात करते हुए कार्रवाई की मांग की और कार्रवाई ना होने पर कोतवाल धर्म प्रकाश शुक्ला के खिलाफ एक बड़ा पत्रकारों का आंदोलन करने की चेतावनी प्रशासन को दी थी।
नवागत आई जी को पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया
खीरी प्रशासन गोला कोतवाल को फिर भी बचाने मे जुटी रही। 14 नवंबर को दी हुई तहरीर पर कार्रवाई नहीं की गई जिसके बाद 3 दिसंबर 2022 को जिला के पत्रकार पवन सक्सेना ने नवागत आईजी तरुण गाबा को फोन के द्वारा पूरे मामले से अवगत कराया जिस पर नवागत आईजी ने तुरंत खीरी एसपी से बात कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके लगभग 10 मिनट बाद एसपी पीआरओ राकेश यादव ने पत्रकार पवन सक्सेना से बात कर अपना पर्सनल नंबर देकर पुनः साक्ष्य की ऑडियो मांगी।
कार्रवाई होने के डर से कोतवाल ने ऑन कैमरा मांगी माफी
लगातार 20 दिन तक मामले को दबाए बैठी खीरी पुलिस के हाथ से जब मामला निकल कर आई जी के संज्ञान में पहुंचा जिसके बाद आईजी के हस्तक्षेप के बाद जब गोला कोतवाल धर्म प्रकाश शुक्ला को कार्रवाई होने का भय व्याप्त हुआ जिसके चलते आनन-फानन मे पत्रकार संगठन एपजा चीफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सारथी की उपस्थिति में कैमरे पर अपनी गलती को स्वीकारते हुए खेद प्रकट कर पत्रकार कौशल शर्मा से माफी मांगी। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुईं।
माफी मांगने की वायरल वीडियो देखने के बाद आमजन में फूटा आक्रोश
कोतवाल ने कैमरे पर अपनी गलती मानते हुए बयान दिया कि मुझे जानकारी नहीं थी कि कौशल शर्मा पत्रकार हैं यदि मेरे शब्दों से कोई आहत हुई तो मैं खेद प्रकट करता हूं। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों के तरह-तरह के बयान आना शुरू हो गए। किसी ने कहा कि पत्रकार है तो कोतवाल ने माफी मांग ली क्या अन्य लोगों के साथ ऐसे ही अभद्रता करते रहेंगे, वहीं कुछ लोगों ने कहा कि माफी मांग ली तो क्या हुआ सजा फिर भी मिलनी चाहिए।
फिलहाल कोतवाल ने अपने ही बयान मे अपनी गलती को स्वीकार लिया जिससे ये तो साबित हो गया कि कोतवाल धर्म प्रकाश शुक्ला के द्वारा पत्रकार कौशल शर्मा को अभद्र गालियां दी गई थी लेकिन क्या माफी मांग लेने के बाद तेज़ तर्रार आईजी तक मामले के पहुंच जाने के बाद कोतवाल धर्म प्रकाश शुक्ला पर कार्रवाई होगी या नहीं, यह बात चर्चा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस सम्बन्ध में विधिक जानकारी रखने वाले अधिवक्ता सन्तोष त्रिपाठी का कहना है, कि पुलिस को विनियमित करनें के लिए पुलिस अधिनियम् 1861 में साफ़ तौर पर प्रावधान है, कि पुलिस को जनता के प्रति विनम्र रहना चाहिए, पुलिस की बिगड़ चुकी छवि को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कई अवसरों पर अपनी चिन्ता व्यक्त कर चुके हैं।
रिपोर्ट: अजय वर्मा