Karnataka Elections Result: कर्नाटक मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली है. राज्य के 36 मतगणना केंद्रों पर 224 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती अभी जारी है, लेकिन भाजपा (BJP) और कांग्रेस के बीच अंतर बहुत ज्यादा है. रुझानों में कांग्रेस, बीजेपी को करारी शिकस्त देती नजर आ रही है.
कांग्रेस (Congress) को रुझानों में पूर्ण बहुमत मिलता नजर आ रहा है. दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक के रुझानों में बीजेपी 67 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है और उसे 37 सीटों का नुकसान होता नजर आ रहा है. जेडीएस को भी सिर्फ 22 सीटें रुझानों में मिलती नजर आ रही हैं. वहीं, रुझानों में कांग्रेस ने 129 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है. आखिर, कर्नाटक में भाजपा के पिछड़ने के क्या कारण रहे.
Karnataka Elections Result: कर्नाटक में हार के ये है प्रमुख कारण
👉 कर्नाटक चुनाव परिणाम (Karnataka Elections Result) के रुझानों को देखकर लग रहा है कि भाजपा सत्ता विरोधी लहर की काट नहीं तलाश सकी. बीजेपी के सत्ता में रहने की वजह से उसके खिलाफ लोगों में नाराजगी होना लाजिमी था. लेकिन बीजेपी इस नाराजगी को दूर करने में सफल होती नजर नहीं आ रही. हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के दिग्गजों ने माहौल को सकारात्मक करने की बहुत कोशिश की.
👉 कर्नाटक चुनाव प्रचार (Karnataka Elections Result) के दौरान भ्रष्टाचार का मुद्दा भी काफी उठा. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही एस ईश्वरप्पा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. वहीं, एक बीजेपी विधायक को जेल भी जाना पड़ा. इस मुद्दे पर राज्य के कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री तक से शिकायत की थी. बीजेपी इस मुद्दे पर भी शायद जनता को भरोसे में नहीं ले पाई.
👉 भाजपा को रुझानों में 30 से ज्यादा सीटों का नुकसान होता नजर आ रहा है. इससे लगता है कि बीजेपी इस बार कर्नाटक में सियासी समीकरण साधने में सफल नहीं हो पाई. इतनी सीटों को नुकसान बताता है कि बीजेपी इस बार शायद अपने कोर वोट बैंक लिंगायत समुदाय का मन नहीं जीत पाई, इसका सीधा फायदा कांग्रेस को होता नजर आ रहा है.
👉 भाजपा (BJP) ने कर्नाटक चुनाव में बजरंगबली का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी. एक समय कांग्रेस नेताओं को भी लगा कि उन्होंने बजरंग दल को बैन करने की बात कहकर गलती कर दी. लेकिन अब लग रहा है कि ये फैक्टर भी कर्नाटक चुनाव में काम नहीं किया.
👉 कर्नाटक में बीजेपी को खड़ा करने में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने जो भूमिका निभाई, वो किसी से छिपी नहीं है. लेकिन इस बार येदियुरप्पा को कर्नाटक चुनाव में लगभग साइड लाइन कर दिया गया. वहीं, जगदीश शेट्टार और पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी का बीजेपी ने टिकट काटा, तो दोनों कांग्रेस में शामिल हो गए. येदियुरप्पा, शेट्टार, सावदी तीनों ही लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं, जिन्हें नजर अंदाज करना बीजेपी को महंगा पड़ गया.