Hardoi News: बेमौसम हुई बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. कोई अपने घर बनवाने के लिए तो काई अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए फसल की आस लगाए बैठा था तो कोई अपने पिता के इलाज के लिए फसल के कटने का इंतजार कर रहा था, लेकिन बेमौसम बारिस ने इन किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। जिले में हुई बेमौसम बारिश से किसानों की फसलें हुई चैपट। छुट्टा मवेशियों से पहले ही तबाह किसानों को इस बार हुई बे-मौसम की बारिश ने बर्बादी की कगार पर खड़ा कर दिया है। महंगी हो चुकी जुताई-बुआई और खाद-पानी की किसी तरह व्यवस्था करके गेहूं की खेती करने वाले किसानों के अरमानों पर प्रकृति की मार पड़ने से उनका बुरा हाल हो है। दो-तीन दिनों के तेज आंधी-पानी के साथ पड़े ओलों से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। जिले के कई क्षेत्रों में अधिक बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे किसान मायूस हो गए हैं।
Hardoi News: अच्छी पैदावार की थी उम्मीद

विकास खंड कोथावां ग्राम पंचायत ममरेजपुर गांव के शैलेंद्र कुमार, लाल मोहम्मद, रामसेवक, मधुर पाल, मुनेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार जैसे दर्जनों किसानों का कहना है कि इस साल सभी फसलों की अच्छी पैदावार के साथ अच्छी गुणवत्ता की फसल बाजार में आने की पूरी संभावना थी, लेकिन बे-मौसम की मार ने फसलों की गुणवत्ता को खराब कर दिया, जो फसलें खेतों में लहरा रही थीं। वहीं अब तेज हवा के कारण खेतों में आड़ी पड़ी हैं। तीन दिन पहले हुई बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। मड़ाई के लिए किसानों ने अपने खलिहान पर जो फसलें रखीं थीं। वो पानी भर जाने के कारण अब सड़ने के कगार पर पहुंच गई हैं। गांव के अनुराग ने 6 बीघे में गेहूं की फसल उगाई हुई थी, जिसे बेमौसम की बरसात ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। नष्ट हुई फसल देखकर उनके आंखों से आंसू निकल पड़ते हैं।
कुछ ऐसी ही पीड़ा अफरोज अली की है, जिनके मुख से शब्द निकलने से पहले ही खेत में गिरी गेहूं की फसल को देख आंसू आ जाते हैं, जिन्होंने 22 बीघा खेत कुत पर लिया था। उपरोक्त विषय पर उप जिलाधिकारी व तहसीलदार संडीला ने बताया कि 33 परसेंट से ज्यादा हुई फसल नुकसान वाले किसानों को सरकार के दिशा-निर्देशानुसार सहायता की जाएगी।