Gorakhpur News: उमेश पाल हत्याकांड (umesh pal hatyakand) के बाद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की सभी संभावित जगहों पर तलाश की जा रही है, उसके लिए जगह-जगह यूपी पुलिस (uttar pradesh police) छापे मार रही है, कहा ये भी जा रहा था कि अतीक और उसके भाई अशरफ के जनाजे में शाइस्ता परवीन भी मौजूद थी, मगर ये सिर्फ अफवाह ही थी। वहीं गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बर्खास्त प्रोफेसर शाइस्ता परवीन और उसके बेटों के पक्ष में उतर गए हैं। बर्खास्त प्रोफेसर सम्पूर्णानन्द मल्ल दोनों के बचाव के पक्ष में टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा पर धरने पर बैठे हैं।
Gorakhpur News: पुलिस की कार्रवाई को गलत बता रहे प्रोफेसर
इस दौरान उन्होंने पुलिस (uttar pradesh police) और सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को गलत बताया। कहा कि ‘अतीक अहमद और उसके बेटे असद की हत्या की गई है। अब शाइस्ता की तलाश में पुलिस (uttar pradesh police) लगी है। ऐसे में मुझे डर है कि शाइस्ता के पकड़े जाने के बाद पुलिस उसके साथ भी कोई घटना कर सकती है। ‘इसलिए मैं मांग करता हूं कि शाइस्ता के साथ नरमी बरती जाए। क्योंकि जिसके बेटे, पति और देवर की हत्या हुई हो, उसके ऊपर क्या बीतेगा? यह केवल वही समझ पाएगा।’ उन्होंने मांग करते हुए कहा कि ‘शाइस्ता को बाइज्जत न्यायालय में पेश किया जाए। उसके साथ नरमी बरती जाए। इतना ही नहीं, बर्खास्त प्रोफेसर ने असद के एनकाउंटर को हत्या (Sacked professor called Assad’s encounter a murder) बताते हुए कहा, ‘जो भी कार्रवाई की जाए, वह कानून के दायरे में रहकर हो। वहीं, शाइस्ता के ऊपर गंभीर मुकदमों और उसके सरेंडर की बात पर उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा इतने डर का माहौल बना दिया गया है, ऐसे में कैसे कोई सरेंडर कर पाएगा।’
असद का एनकाउंटर नहीं हत्या हुई
कहा कि अगर असद का एनकाउंटर हुआ होता तो दोनों तरफ से फायरिंग हुई होती। लेकिन, यह सोची- समझी साजिश के तहत बच्चे की हत्या की गई है। STF ने असद को एकतरफा गोली मारी है। पूरे प्रदेश में डर का माहौल बना दिया गया है। हम मांग करते हैं कि पुलिस (uttar pradesh police) कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करें। इतना डरावना वातावरण बन चुका है कि बेटे का मर्डर पति का मर्डर और देवर का मर्डर हो जाता है। इसलिए शाइस्ता दहशत के कारण फरार चल रही है और सरेंडर नहीं कर रही है. बर्खास्त प्रोफेसर ने कहा, अतीक अहमद को उस वक्त गोली मारी गई, जब वो हथकड़ी में पुलिस की कस्टडी में था। जब उसे कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। बावजूद इसके उसे पुलिस के सामने गोली मार दी गई। बर्खास्त शिक्षक ने राष्ट्रपति से शाइस्ता परवीन के साथ नरमी बरतने के साथ ही उसे कोर्ट में सरेंडर कराने और उसकी पुलिस तलाश न कराने की राष्ट्रपति से मांग की है।