उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State) के सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक अपने डिपो की 10 निगम बसों को तो क्षेत्रीय प्रबन्धक और सेवा प्रबन्धक अपने क्षेत्र के सभी डिपो की दो-दो निगम बसों को गोद लेंगे. इस तरह बसों का रखरखाव हो सकेगा. उत्तर प्रदेश के परिवहन (Road Transport Corporation) राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने इस बाबत निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. कहा है कि परिवहन निगम में बसों के रख-रखाव, संचालन और यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं में वृद्धि किए जाने के लिए “परिवर्तन की ओर” अभियान चलाया जाए.

उन्होंने कहा कि गोद की अवधि एक महीने की होगी. अगले माह में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक फिर 10 भिन्न बसें और दो-दो बसें क्षेत्रीय प्रबन्धक और सेवा प्रबन्धक गोद लेंगे. उन्होंने कहा कि विभिन्न आयु वर्ग की बसें चयनित की जाएंगी. चयन का आधार एक ही मार्ग पर चलने वाली विभिन्न बसों में से कम लोड फैक्टर प्राप्त होना और एक ही आयु वर्ग की बसों में कम डीजल औसत और बस उपयोगिता प्राप्त होना रहेगा.
उन्होंंने कहा कि चयन करते समय पिछले माह में प्राप्त बस उपयोगिता, लोड फैक्टर और डीजल औसत का आधार लिया जाएगा. कहा कि सम्बन्धित अधिकारी चयनित बसों में भौतिक दशा में प्राप्त कमियों को अधिकतम तीन दिन में दूर कराएंगे. परिवहन (Road Transport Corporation) मंत्री ने कहा कि चयनित बसों की नियमित मॉनीटरिंग गोद लेने वाले अधिकारी करेंगे. मॉनीटरिंग में बसों का रख-रखाव समय से, निर्धारित मेंटनेंस कराया जाना, नियमित सफाई समय से मार्ग पर संचालन और प्राप्त दैनिक संचालित किलोमीटर, आय एवं डीजल खपत शामिल है.

ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर (Uttar Pradesh State) ने कहा कि सम्बन्धित अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि गोद ली गई बसें समय से और सुरक्षित रूप से साफ-सफाई के बाद ही संचालित हों. सम्बन्धित अधिकारी माह के आखिर में पिछले माह में प्राप्त प्रतिफलों की तुलना करते हुए किए गए प्रयासों और बसों की भौतिक दशा ऑफ-रोड दिवस, बस उपयोगिता, ईंधन औसत और लोड फैक्टर में सुधार के सम्बन्ध में विस्तृत रिपोर्ट अपने नोडल अधिकारी को अगले माह की पांच तारीख तक सौंपेंगे. उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन अधिकारियों को हर माह पुरस्कृत किया जाएगा.