UP Politics: उत्तर प्रदेश के कानपुर (kanpur) की सीसामऊ विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ दर्ज केस में जल्द फैसला आ सकता है. फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहे आगजनी केस के मामले में अगले महीने फैसला आने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि फास्ट ट्रैक मोड में केस की सुनवाई लगभग पूरी हो चुकी है और कुछ गवाहों की गवाही शेष है. इस केस को शुरुआत से देख रहे कानपुर पुलिस (kanpur police) के बड़े अधिकारियों के मुताबिक पुलिस ने अपने काम को भरपूर और ईमानदारी से किया है और एक महीने के भीतर फैसला आ सकता है.कानपुर में समाजवादी पार्टी (samaj wadi party) के विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत उनके सहयोगियों पर पड़ोस में रहने वाली नजीर फातिमा के प्लॉट पर कब्जा करने का आरोप लगा था.जानकारों के अनुसार आगजनी केस में विधायक इरफान सोलंकी को 3 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
UP Politics: इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत उनके सहयोगियों पर लगा आरोप
दरअसल, इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी (rizwan solanki) समेत उनके सहयोगियों पर पड़ोस में रहने वाली नजीर फातिमा के प्लॉट पर कब्जा करने का आरोप लगा था. प्लॉट पर कब्जा करने की नीयत से घर फूंकने का आरोप लगा तो पुलिस ने पिछले साल नवंबर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.इसके बाद इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी दोनों ही फरार हो गए थे. फिर एक महीने बाद दिसंबर के पहले हफ्ते में दोनों ने पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में सरेंडर कर दिया था. कानपुर पुलिस ने इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की तैयारी की और माना जा रहा है कि एक महीने के भीतर फैसला आ जाएगा. कानपुर पुलिस (kanpur police) इसमें तगड़ी पैरवी के साथ सजा दिलाने की बात कह रही है.मामले में जांच के बाद पुलिस ने इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी समेत अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. अब मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था, जो लगभग पूरी हो चुकी है. आगजनी मामले की दो अहम गवाह बेबी नाज और साजिद दो तारीखों से बयान देने नहीं आ रहे थे, लेकिन अब दोनों के कोर्ट में बयान दर्ज हो गए हैं. मामले में इंस्पेक्टर और फॉरेंसिक टीमों समेत महज चार लोगों की गवाही बची है.
माना जा रहा है कि गवाही पूरी होते ही इरफान सोलंकी को इस मामले में दोषी पाते हुए सजा सुनाई जा सकती है.इस मामले को लेकर जानकारों का कहना है कि पुलिस (police) की ओर से की गई पैरवी इतनी तगड़ी मानी जा रही है कि इरफान सोलंकी को तीन साल से लेकर आजीवन कारावास या दस साल तक की सजा हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इरफान सोलंकी की विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो सकती है. ऐसी स्थिति में सीसामऊ विधानसभा में उपचुनाव कराया जा सकता है. पिछले साल नवंबर (november) महीने में जाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी में महिला का घर फूंकने में मामले में विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ जाजमऊ थाने में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी.इसके बाद फर्जी आधार कार्ड के सहारे इरफान सोलंकी पर दिल्ली से मुंबई तक अशरफ अली बनकर हवाई यात्रा करने के मामले में ग्वालटोली थाने में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई.
जाजमऊ थाने में 6 दिसंबर को अनवरगंज फूलवाली गली निवासी अकील अहमद खान ने गुंडा टैक्स मांगने का आरोप लगाया और एफआईआर दर्ज हुई. जाजमऊ थाने में कंघी मोहाल निवासी मोहम्मद नसीम आरिफ ने इरफान सोलंकी पर बलपूर्वक प्लॉट पर कब्जा करने का आरोप लगाया और केस दर्ज हुआ.वहीं बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान के पकड़े जाने के मामले में बाद में इरफान सोलंकी पर एफआईआर हुई. जाजमऊ थाने में इरफान सोलंकी समेत पांच के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की भी एफआईआर दर्ज की गई है. इसके बाद इरफान सोलंकी के खिलाफ ग्वालटोली थाने में पुलिस से अभद्रता करने के एक साल पुराने मामले एफआईआर दर्ज हुई है. आखिर में विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ दुर्गा विहार जाजमऊ निवासी विमल कुमार ने जाजमऊ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई.