Bihar: बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को बिहार तकनीकी सेवा आयोग (Bihar BTSC) के अभ्यर्थियों ने जदयू और आरजेडी के दफ्तरों का घेराव करने के लिए निकले। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इससे अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। थोड़ी देर में बात इस कदर बढ़ गई कि पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
बता दे की पटना में पुलिस ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) कैंडिडेट्स पर लाठीचार्ज किया है। इन कैंडिडेट्स का रिजल्ट 4 साल से पेंडिंग है। इसे जारी करने की मांग को लेकर गुरुवार सुबह से कैंडिडेट्स सड़कों पर उतरे थे। साढ़े 12 बजे ये कैंडिडेट्स बीजेपी ऑफिस का घेराव करने जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोका। BTSC के अभ्यर्थियों को पुलिस बीजेपी कार्यालय से पटना जंक्शन की ओर ले गई और बातचीत कर इस मामले को शांत करवाया। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
Bihar: कई अभ्यर्थी हिरासत में
अभ्यर्थी मासूम अहमद ने बताया कि बीटीएससी आयोग का जब गठन हुआ था। तब यह पहली वैकेंसी थी। उसके बाद भी डॉक्टर समेत कई अन्य बहाली विभाग द्वारा निकाली गई। सब बहाली हो गई, यही एक बहाली है जो पिछले चार साल से पेंडिंग है। जब तक हमारी बहाली नहीं की जाती, तब तक हम लोग प्रदर्शन करते रहेंगे। लाठीचार्ज के बाद भगदड़ मच गई। जो पुलिस के गिरफ्त में आया, उसे जमकर पीटा गया। पुलिसकर्मी अभ्यर्थियों को घसीटते ले जाते नजर आए। पुलिस ने कई अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया है। वहीं लाठीचार्ज से तमाम अभ्यर्थी घायल हुए हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि बिहार की महागठबंधन सरकार ने हर साल 10 लाख नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया।
क्यों गुस्से में हैं अभ्यर्थी?
दरअसल, 2022 में बीटीएससी में 6,379 पदों पर जूनियर इंजीनियर की भर्ती निकाली गई। इसमें पॉलिटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा पास को 40% आरक्षण दिया गया था। इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हो गई। हाईकोर्ट ने रिजल्ट को कैंसिल कर दिया और नए सिरे से बीटीएससी की मेरिट बनाने के लिए कहा। लेकिन सरकार अभी तक रिजल्ट घोषित नहीं कर सकी है।