Bageshwar Baba: दरभंगा की एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति जो पेशे से शिक्षक हैं वह चार महीने पहले बाबा बागेश्वर (Bageshwar Baba) के दरबार में गए थे लेकिन अबतक वहां से वापस नहीं लौटे हैं. महिला ने कहा कि उन्होंने अपनी पति की काफी खोजबीन की लेकिन उनका कोई अता पता नहीं मिला है. महिला ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री पटना आ रहे हैं तो वह अपने पति को लेकर वहां पहुंची. लेकिन वहां उनकी फरियाद नहीं सुनी गई. उन्हें बाबा से मिलने तक नहीं दिया गया. महिला के पति का नाम ललन कुमार है वह दरभंगा के बहेड़ी प्रखंड के बघौनी गांव के रहने वाले हैं.
बताया जा रहा है कि ललन कुमार बहेड़ी के भरवारी स्थित नाथ्थू सिंह हाई स्कूल में पदस्थापित थे. सोशल साइट पर बागेश्वर धाम (Bageshwar Baba) महाराज धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के बारे में उन्हें जानकारी मिली थी इसके बाद वह अपनी अर्जी लेकर बागेश्वर धाम पहुंचे थे. उनके गायब होने के बाद उनकी पत्नी ने बताया था कि 6 फरवरी को सुबह पांच बजे उनसे बातचीच हुई थी. तब उन्होंने कहा था कि बाबा बागेश्वर का दर्शन हो गए हैं. एक दो दिन में वह वापस लौट आएंगे लेकिन वह नहीं लौटे. 6 फरवरी से ही उनका फोन भी बंद है.
Bageshwar Baba: चार बार बाबा के दरबार में गईं महिला
इसके बाद उनकी पत्नी सविता ने शोसल मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की थी कि बाबा के दरबार में जाने वाले लोग बाबा से पूछें कि उनके पति कहां गायब हो गए हैं. सविता अपने ननद के साथ बाबा के दरबार में भी पहुंची थी लेकिन उन्हें बाबा से मिलने नहीं दिया गया. इसके साथ ही सविता ने कहा है कि बाबा बागेश्वर (Dhirendra Krishna Shastri) के दरबार से 40 लोग गायब हुए थे जिसमें 28 लोग मिले हैं. उसने कहा कि वहां ऐसा क्या साजिश हो रही है कि लोग गायब हो रहे हैं. सविता ने मध्यप्रदेश सरकार से जांच की मांग की है. महिला ने बताया कि वह चार बार बाबा के दरबार में पति को लेकर जा चुकी हैं.
इसके साथ ही सविता ने अपने पति को ढूंढने की गुहार लालू यादव के बड़े बेटे और नीतीश सरकार में मंत्री तेजप्रताप यादव (tejpratap yadav) से लगाई है. तेजप्रताप से गुहार लगाते हुए महिला ने कहा कि उनके पति गायब हैं कोई मदद नहीं कर रहा है वह उन्हें खोजने में मदद करें. बागेश्वर बाबा 13 मई से 17 मई तक हनु रामकथा सुनाने के लिए बिहार आए थे. इस दौरान उनकी जनसभा में भारी भीड़ जुटी. एक अनुमान के मुताबिक पांच दिनों में वहां 30 लाख से ज्यादा लोग कथा सुनने के लिए पहुंचे.