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Ayodhya: राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का इतने % कार्य हुआ पूर्ण, कीजिए गर्भगृह निर्माण का दिव्य दर्शन

Ayodhya: राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का इतने % कार्य हुआ पूर्ण, कीजिए गर्भगृह निर्माण का दिव्य दर्शन

Ayodhya: 2024 के जनवरी में अयोध्या में भव्य राम मंदिर (ayodhya ram mandir) दर्शन के लिए खुल जाएगा. यानी 2024 की शुरुआत रामलला के दर्शन के साथ होगी. मिली जानकारी के अनुसार, राम मंदिर के भूतल निर्माण का कार्य 75 प्रतिशत पूरा हो गया है. इस बीच 2023 की रामनवमी (30 मार्च) को लेकर भव्य आयोजन की तैयारी की जा रही है. सिंहद्वार से राम मंदिर में प्रवेश के लिए सीढ़ी बनाई गई है. भूतल निर्माण में गर्भगृह पर 20 फीट ऊंची दीवार और 166 पिलर खड़े कर दिए गए हैं. अब मंदिर का गर्भगृह भी आकार लेता हुआ दिखाई दे रहा है. इसी महापीठ पर भगवान की प्रतिष्ठा होनी है. अब रामलला के दर्शन को जाते समय बैरीकेडिंग से ही मंदिर की प्रगति देख भक्त अभिभूत हो रहे हैं.

Ayodhya: अयोध्या में अब राम मंदिर का दिव्य भव्य स्वरूप दिखाई देने लगा

अयोध्या में अब राम मंदिर का दिव्य भव्य स्वरूप दिखाई देने लगा है. मंदिर को आकार देने के लिए स्तंभों को लगाया जा रहा है. रामलला के मंदिर को तीन तलीय बनाया जाएगा और 1 तल की ऊंचाई 20 फीट होगी. रामलला के मंदिर की 255 फीट की चौड़ाई होगी और 350 फीट मंदिर की लंबाई होगी. अब स्तंभों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. अयोध्या (ayodhya ram mandir) में अब राम मंदिर का दिव्य भव्य स्वरूप दिखाई देने लगा है. मंदिर को आकार देने के लिए स्तंभों को लगाया जा रहा है. रामलला के मंदिर को तीन तलीय बनाया जाएगा और 1 तल की ऊंचाई 20 फीट होगी. रामलला के मंदिर की 255 फीट की चौड़ाई होगी और 350 फीट मंदिर की लंबाई होगी. अब स्तंभों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है.

मंदिर ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार, राम जन्मभूमि मंदिर अब आकार लेने लगा है. इसमें लगभग 55 स्तंभ लग चुके हैं और अब वे 16 फुट ऊंचाई तक पहुंच भी चुके हैं. यहां सभी 161 पिलर्स की ऊंचाई लगभग 20 फीट तक पहुंचने के पश्चात अब बीम सेटिंग का कार्य आरंभ होगा. बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के अनुसार, इन स्तंभों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, स्तंभ लगने के पश्चात मंदिर का आकार स्पष्ट दिखाई दे रहा है. वर्तमान समय में इन स्तंभों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. इसके पश्चात, एक-एक पत्थरों को जोड़कर हाथ बनाने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी.

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