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2000 Note Ban: कांग्रेस का मोदी सरकार पर निशाना, कहा- 'जब 2000 का नोट बैन करना था तो शुरू ही क्यों किया?'

2000 Note Ban: कांग्रेस का मोदी सरकार पर निशाना, कहा- ‘जब 2000 का नोट बैन करना था तो शुरू ही क्यों किया?’

2000 Note Ban:भारतीय रिजर्व बैंक ने सबसे बड़ी करेंसी 2000 रुपये के नोट पर बड़ा फैसला लिया है. रिजर्व बैंक के अनुसार, 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर तो रहेगा, लेकिन इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा. RBI के इस फैसले के बाद पॉलिटिकल रिएक्शन भी सामने आने लगे हैं. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, पीएम मोदी (pm narendra modi) की एक और नोटबंदी. दुख की बात है कि भाजपा सरकार के पास अपनी नीतियों के बारे में स्पष्टता नहीं है. अगर वे इस पर रोक की योजना बना रहे थे, तो उन्होंने 2016 में 2000 के नोट बाजार में क्यों पेश किए? यह बीजेपी की नाकामी से ध्यान भटकाने की कोशिश है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि तथाकथित स्वयंसेवी विश्वगुरु, पहले करते हैं, फिर सोचते हैं. 8 नवंबर 2016 को तुगलकी फरमान के बाद इतने शोर शराबे से पेश किए गए 2000 रुपये के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं.अलका लांबा ने कहा कि जांच हुई तो नोटबंदी सदी का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा. कालेधन पर हमले के नाम पर 1000 रुपये का नोट बंद कर 2000 रुपया का नोट जारी कर प्रधानमंत्री मोदी ने मात्र अपने भगोड़े पूंजीपति मित्रों का ही काम आसान किया.

2000 Note Ban: 2000 का नोट बैन करने पर अलका लांबा ने कहा

नोटबंदी से पहले देश का पैसा लेकर भागते तो मित्रों (भाइयों) को दोगुने बोरों में पैसा भर भागना पड़ता, परेशानी होती, नोट बंदी के बाद और 2000 रुपये का नोट जारी करने से मित्रों का काम हुआ आसान उससे आधे में ही काम हो गया. अब ना भगोड़े मित्र आए आयेंगे, ना ही कालाधन वापस आयेगा और अब तो 2000 रुपया का नोट भी बाजार से गायब होने जा रहा है. 2000 रुपये के नोट वापसी पर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीएम ने नोटबंदी कर नए नोट शुरू करने का चलन शुरू किया था. जब पीएम मोदी ने ऐसा किया था तो लोगों की जान चली गई थी, व्यवसाय चौपट हो गए थे. इसने भ्रष्टाचार, आतंकवाद को खत्म करने में मदद नहीं की. मुझे आशा है कि यह विशेषज्ञों की सिफारिश पर लिया गया निर्णय है. भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के बैंकों को सलाह दी है कि 2000 रुपये के मूल्य के नोट को तत्काल प्रभाव से जारी करना बंद कर दिया जाए. ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है. 30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा कराया जा सकता है. रिजर्व बैंक अनुसार, 23 मई 2023 से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से बदले जा सकते हैं. नोट बदलने की सीमा 20,000 रुपये है.

2000 के नोट को चलन से बाहर करने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, सरकार पहले कहती थी कि 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा. अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा. इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए. एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है. उन्हें समझ आता नहीं है. भुगतना जनता को पड़ता है. रिजर्व बैंक ने साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को जारी किया था. पिछले कुछ महीने से मार्केट में 2000 रुपये के नोट कम नजर आ रहे थे. लोगों का कहना था कि एटीएम से भी 2000 रुपये नोट नहीं निकल रहे हैं. इस संबंध में सरकार ने संसद में भी जानकारी दी थी. यह 2000 रुपये का धमाका नहीं था बल्कि एक अरब भारतीयों के साथ बिलियन डॉलर का धोखा था. जागो मेरे प्यारे भाइयों और बहनों. नोटबंदी से हमें जो तकलीफ हुई है, उसे भुलाया नहीं जा सकता और जिसने यह तकलीफ दी, उसे माफ नहीं किया जाना चाहिए. पी. चिदंबरम ने RBI द्वारा 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने पर कहा, उम्मीद के मुताबिक, सरकार/आरबीआई ने 2000 रुपए के नोट वापस ले लिए हैं और नोटों को बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है. 2000 रुपये का नोट एक्सचेंज शायद ही एक लोकप्रिय माध्यम है. हमने नवंबर 2016 में यह कहा था और हम सही साबित हुए हैं. 2000 रुपये के नोट को लाना 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटबंदी के मूर्खतापूर्ण निर्णय को कवर करने के लिए एक बैंड-एड था. नोटबंदी के कुछ सप्ताह बाद, सरकार/RBI को 500 रुपये के नोट को फिर से चलन में लाने के लिए मजबूर होना पड़ा. मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर सरकार/RBI 1000 रुपये के नोट को फिर से लाएगी. नोटबंदी का दौर आ गया है!

रिजर्व बैंक की ओर से 2000 के नोट बंद करने के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधा है। खड़गे ने कहा कि यह जनता को परेशान करने वाली एक और नोटबंदी है। एआईसीसी (AICC) अध्यक्ष खड़गे ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, “मोदी ने एक और नया आदेश जारी किया है। जब भी वह जापान जाते हैं, तो वे ‘नोट बंदी’ अधिसूचना जारी करेंगे और जाएंगे। जब वह पिछली बार जापान गए थे तो उन्होंने 1,000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे। इस बार जब वह गए हैं तो उन्होंने 2,000 रुपये के नोट बंदी की।” कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “वह (पीएम) नहीं जानते कि इससे देश को फायदा होगा या नुकसान होगा। मोदी (pm narendra modi) जो ‘नोटबंदी’ कर रहे हैं, एक बार फिर किया है। वह लोगों को परेशान कर रहे हैं।”2000 के नोट के बंद किए गए सर्कुलेशन को लेकर जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट करते हुए कहा, “आपने पहली नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को एक गहरा ज़ख़्म दिया था। जिससे पूरा असंगठित क्षेत्र तबाह हो गया, MSME ठप हो गए और करोड़ों रोज़गार गए!

अब 2000 के नोट वाली “दूसरी नोटबंदी”… क्या ये ग़लत निर्णय के ऊपर पर्देदारी है? एक निष्पक्ष जाँच से ही कारनामों की सच्चाई सामने आएगी।” बीते शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने अचानक इस बात की घोषणा कर दी कि 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लिया जाएगा। हालांकि, जनता को 30 सितंबर तक ऐसे नोटों को खातों में जमा करने या बैंकों में बदलने का समय दिया गया है। हालांकि, इससे पहले नवंबर 2016 में अचानक हुई नोटबंदी के समय 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को रातों रात अमान्य कर दिया गया था, लेकिन इस बार 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध रहेंगे। भाजपा पर राहुल गांधी के ‘नफरत’ वाले बयान को दोहराते हुए खड़गे ने कहा, “यहां हमारी सरकार प्यार की सरकार है, जो सबको साथ लेकर चलेगी।” कर्नाटक में नवगठित कांग्रेस सरकार को “प्यार की सरकार” बताते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि चुनाव से पहले लोगों से किए गए सभी पांच वादे लागू किए जाएंगे। खड़गे ने कहा, “हम अपने किए गए सभी वादों को पूरा करेंगे। हम भाजपा की तरह कुछ नहीं कहेंगे और कुछ करेंगे, हम अपनी बात पर चलेंगे। हम सभी पांचों वादों को लागू करेंगे।” कांग्रेस ने ‘गारंटियों’ को लागू करने का वादा किया है। सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, हर परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक सहायता, बीपीएल कार्ड धारकों के परिवार में प्रत्येक सदस्य के लिए 10 किलो चावल मुफ्त, स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये (दोनों 18-25 आयु वर्ग में) दो साल तक के लिए और सार्वजनिक परिवहन बसों (शक्ति) में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का राज्य में सत्ता संभालने के पहले दिन से ही लागू कर दी जाएगी।

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